हिमालय की गोद में स्थित हिमाचल प्रदेश को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे से जोड़ते हुए, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में 4,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 15 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और 1 रोपवे परियोजना का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद श्री जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री श्री विक्रमादित्य सिंह के साथ साथ कई विधायक और अधिकारी भी उपस्थित थे।
आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें देवरीघाट-प्रेमघाट पर ठियोग बाईपास का निर्माण, कलरूही खंड पर 196 मीटर लंबे पुल का निर्माण और कांगड़ा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 503 पर 225 मीटर लंबे ढलियारा पुल का निर्माण शामिल है। आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 272 करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण परियोजनाएं, राष्ट्रीय राजमार्ग 503ए पर बिरहू-लठियानी तक 8 किमी लंबे 4-लेन मिसिंग लिंक और केबल स्टे ब्रिज का निर्माण, कुल्लू के मोहाल से प्रसिद्ध बिजली महादेव मंदिर तक 2 किमी लंबा पुल शामिल हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 22 के परवाणु-सोलन खंड पर भूस्खलन को रोकने के लिए रोपवे का निर्माण, 4 किमी लंबाई के ढलान संरक्षण कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर 500 मीटर लंबी आर्टिफिशयल सुरंग का निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग 503 पर 410 मीटर लंबे 2-लेन आरयूबी का निर्माण। निर्माण एवं सीआरआईएफ के माध्यम से चार परियोजनाएं चल रही हैं।
इन परियोजनाओं के निर्माण से हमीरपुर से मंडी की दूरी 15 किमी कम हो जाएगी और टौणी देवी, अवाहदेवी, सरकाघाट, धर्मपुर आदि क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। दाड़लाघाट सीमेंट फैक्ट्री और एम्स बिलासपुर को 4-लेन कनेक्टिविटी मिलने से इस क्षेत्र की लॉजिस्टिक और स्वास्थ्य सेवाओं की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। गोविंद सागर झील पर केबल स्टे ब्रिज से बिरहू से लठियाणी, हमीरपुर से ऊना की वर्तमान दूरी 21 किमी कम हो जाएगी। रोपवे के निर्माण से तीर्थ स्थल बिजली महादेव की यात्रा वर्तमान 2 घंटे 30 मिनट से घटकर लगभग 7 मिनट रह जाएगी और प्रतिदिन 36000 तीर्थयात्रियों को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
ढलान संरक्षण एवं सुरंग निर्माण के कार्य से भूस्खलन की समस्या का समाधान होगा तथा यात्रा सुरक्षित एवं आसान होगी। विभिन्न राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण से पहाड़ी रास्तों पर कठिन सफर आसान हो जाएगा।
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